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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-32)






पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि ऋषभ ड्रेसिंग टेबल के पास मुंह लटकाए बैठा हुआ है ...

अब आगे ,
ऋषभ -( अवनी को देखते हुए ) अब मै सबके सामने कैसे जाऊंगा ...
( मिरर मे अपनी सकल देखता है ...उसके गाल पर अवनी की मेंहदी का एक छोटा सा दिल  जो ऋषभ ने बनाया होता है ..वो छपा होता है....)
ऋषभ - उफ्फ अवनी ये क्या कर दिया आपने ........

( वो फिर बाथरूम मे जाता है.. लगभग आधे घंटे हो गए होते है ... बहुत कोशिश करता है कि मेंहदी छूट जाए...पर  मेंहदी ने अपना रंग चढ़ा दिया होता है .....अंदर बेड पर अवनी पानी चलने की आवाज से परेशान हो गई होती है ..कभी इधर हिलती है तो कभी उधर.......फिर उठकर कंबल से खुद को ढक लेती है और बाथरूम के पास जाकर दरवाजा खोलकर कहती है ,

अवनी - ( उबासी लेते हुए ) ऋषभ जी...

( उबासी की वजह से अजीब आवाज निकलती है तो ......मुंह धो रहा ऋषभ हड़बड़ा कर मुड़ता है और अपने सामने ऐसे कंबल ओढ़े किसी को देखता है तो डरकर  बाथटब मे गिर जाता है .....अवनी हंसना शुरू हो जाती है और कहती हैं )

अवनी -( हंसते हुए )अरे ऋषभ जी ...मै अवनी 
ऋषभ -चुप रहिए आप....
अवनी -( कंबल हटाकर ) क्यों चुप रहूं मै ....मेरा मुंह है 
ऋषभ - ( धीरे से  ) आपने मेरा मुंह तो खराब कर ही दिया है .....
अवनी - कुछ कहा आपने??
ऋषभ -( गुस्से मे मुसकुराते हुए) मै कहा कुछ कहता हूं ...

( अवनी  बिना कोई जवाब दिए ही बेड पर जाकर बैठ जाती है .....अंदर बाथरूम मे जैसे ही ऋषभ बाथटब में से निकल रहा होता  है ...अवनी भागकर  बाथरूम मे घुसती है  और ऋषभ के ऊपर गिर जाती है ......वो फिर से हड़बड़ा जाता है और अवनी को पकड़े हुए ही कहता है ,

ऋषभ - ( दर्द में ही ) सच सच बताइए ....आप मेरी कमर के पीछे क्यों पड़ी है ...
अवनी - चुप बिल्कुल चुप .....मुझे कुछ देखना है ..

( अवनी फिर उसका फेस दोनों हाथो से पकड़ लेती है तो वो कहता है )
ऋषभ - ये ...ये आप क्या कर रही है ...
अवनी - मैंने कहा ना चुप रहिए .....

( अवनी फिर उसके गाल पर उंगली फेरते हुए कहती है )
अवनी - आपने गाल पर मेंहदी कब लगाई .....
ऋषभ - ( अवनी को उठाते हुए ) आप यहां से जाइए ....
अवनी - अरे पहले आप बताइए तो .......

( ऋषभ बिना जवाब दिए ही .....अवनी को अपने ऊपर से हटाता है और गोद में उठाकर उसे ..बेड पर गिरा देता है ....फिर अलमीरा से टॉवेल लेकर बाथरूम मे घुसने लगता है तो अवनी कहती है ,)

अवनी -( तकिया मारकर  ) अकडू कहीं के ...
ऋषभ-( मुड़कर मुसकुराते हुए ) शुक्रिया ..

( अवनी फिर बेड से उठती है और अपने गीले कपड़ों को चेंज करके ....अलमीरा से बेडशीट निकालकर अपनी साइड ही सिर्फ बिछा कर सो जाती है .......थोड़ी देर बाद ऋषभ ..नहा कर अपना  नाइट सूट पहन बेड पर लेटने जाता है तो देखता है कि बेडशीट गीला है ....)

ऋषभ -( मुसकुराते हुए ) आप सच मे नहीं सुधरने वाली .....


***********

सुबह सुबह सब लोग काम में लगे हुए है ....कुछ रसोई घर में तो कुछ हॉल की सफाई मे ....आज आनंद - खुशी की हल्दी होने वाली जो है ...और ऋषभ के इंस्ट्रक्शंस के एकार्डिंग थोड़ी सी भी गलती नहीं होनी चाहिए थी ......अवनी..किचन मे हल्दी लगाने के लिए हल्दी तैयार कर रही होती है...तभी पीछे से विहान  कहता है ,

विहान - भाभी …आपकी टविंकि जी से बात हुई क्या ?
अवनी - जी हुई है ...
विहान -( खुश होकर ) वो आ रही है क्या ?
अवनी - नहीं देवर जी .....
विहान -( मुंह लटकाए हुए) ठीक ....है ...ऋषभ भाई कहा है ?

( अवनी मुस्कुराकर कहती है )

अवनी - शायद रूम मे होंगे 

( विहान ठीक है कहकर किचन से निकलकर ऊपर रूम में जाने लगता है तो  उसे कंपनी  से मिस्टर सिंह का कॉल आ जाता है ...... अर्जेंटली आने को ..वो  फिर कंपनी के लिए निकल जाता है .......ऊपर कमरे में ऋषभ बेड पर ही उल्टा लेटा होता है कमर में दर्द होने की वजह से ......तभी वो देखता है कि लिली उसके कमरे में आई हुई है...वो कहता है ,)

ऋषभ - लिली ...
लिली - ( हड़बड़ा कर ) जी.....जी मास्टर ..
ऋषभ - जल्दी से हीटिंग पैड लेकर आओ ...
लिली - जी मास्टर ...

( लिली नीचे चली जाती है हीटिंग पैड लाने तभी अवनी उसे रोककर कहती है )
अवनी - लिली ये हल्दी मॉम की देकर आ जाओ...
लिली - सॉरी मैम पर अभी ( हीटिंग पैड दिखाकर ) मास्टर ने बुलाया है कमरे में..
अवनी - ठीक है ...तुम ये मुझे दो ..
लिली - सॉरी..... ये काम मुझे मिला है ...

( तभी निहारिका जी कहती हैं) 

निहारिका जी -( लिली से ) ये फूल बाहर संजना को देकर आओ और पैड मुझे ....
लिली - ( टोकरी लेते हुए ) जी मैम ...

( लिली फिर चली जाती है तो निहारिका जी मुस्कुराती हुई हीटिंग पैड अवनी को देकर किचन में चली जाती है ..........अवनी पूरे गुस्से में होती है....पर उसे खुद ही नहीं पता होता है क्यों ....वो जब कमरे में पहूचती है तो ऋषभ कहता है )

ऋषभ - लिली तुम आ गई ....
( अवनी बिना कोई जवाब दिए ही बेड पर जाकर बैठ जाती है और हीटिंग पैड उसके कमर पर रख कर हटाती नहीं है तो ऋषभ कहता है )
ऋषभ - ( आ आ ) हटाओ इसे ... तुम पागल हो क्या लिली ....
अवनी -( गुस्से में ) हां हूं पागल ...
ऋषभ -( हैरानी से ) आप ...
अवनी - हां नहीं तो क्या वो लिली..........रुकिए उसे ही बुला देती हूं ....
ऋषभ - ( हाथ पकड़ कर ) नहीं मै ठीक हूं अभी ...

( फिर वो बेड से उठकर अपनी ड्रेस पहनता है और रूम से बाहर निकल जाता है ....उसके जाने के बेड अवनी पैड को अपने पैर से टच करके कहती हैं)
अवनी -( पैड को हटाकर ) ऊप्स ये तो सच मे ज़्यादा गर्म है........
तभी ऋषभ फिर से भागकर रूम मे आ जाता है और मास्क पहन कर बाहर चला जाता है ....अवनी उसे हैरानी से जाते हुए देखने लगती है ,


दूसरी तरफ...

खुशी मिरर के सामने बैठकर अपनी हल्दी कि ज्वेलरी पहन रही होती है तो नैंसी कहती है ,
नैंसी - दी ...तुम सच मे ये ड्रेस पहन रही हो अपनी हल्दी के लिए ....
खुशी - हां यही पहनूंगी ...
नैंसी - ठीक है जैसी थारी इच्छा ...पर आज हल्दी मे सब पीले पहनते हैं..
खुशी - ( मुस्कुराकर ) थारे जीजू की पसंद है ... तो पहनना पड़ेगा ...
नैंसी -( हंसते हुए ) ओह हो ...अभी से जीजू के गुणगान....
खुशी - ( नैंसी का हाथ पकड़कर ) गुणगान तो कल कोई और कर रहा था ...मैंने सुना और देखा भी ..
नैंसी -( घबराकर ) क्या ....क्या मतलब ...
खुशी - मतलब तो तुम बहुत अच्छे से समझती हो ...( कान पकड़कर ) मेरे सामने नाटक मत करो .....

( नैंसी अपना कान छूडाती है और भागकर कमरे से बाहर चली जाती है ....खुशी फिर अपने आपको मिरर मे देखकर कहती हैं )
खुशी - वाह ..आज तो लगता है 3-4 लोगो को निपटा ही दूंगी ....
( अवनी रूम मे आकर )
अवनी - किसे निपटाने की बात चल रही है मौतरमा ...
( खुशी पीछे मुड़कर देखती है कि अवनी दरवाजे पर खड़ी है )


खुशी - वाउ कितनी मस्त लग रही हो ....
अवनी - उफ्फ ..कितनी तारीफे सुनू मै .....
खुशी -( अवनी को अपने पास बिठाकर) क्यों .....जीजू ने कर दिया क्या ( आंखे मारकर )..क्या कहा बताना??
अवनी - तुम चलो जल्दी ...मम्मा बुला रही है ..
खुशी -  हूंह नौटंकीबाज ....
अवनी - ( अपना हाथ फोल्ड करके) देखो तुम हमे जेठानी बोलो ....अवनी नहीं...
खुशी - हम तुम्हे जेठानी नहीं ऋषभ की रानी कहेंगे.......( रूम से बाहर निकलकर ) वो भी सबके सामने....

( खुशी फिर सीढ़ियों से भागते हुए नीचे गार्डन मे जाती है तो सजावट देखकर दंग रह जाती है )


खुशी - ये सच मे बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रहा है......😍
(पीछे से ऋषभ कहता है )
ऋषभ - क्या सच में ?


खुशी -( मुड़कर ) हां जीजू ....ये डेकोरेशन का काम सच में बहुत खूबसूरत लग रहा है ...( मुस्कुराकर ) थैंक्यू सो मच...

( ऋषभ मुस्कुराते हुए उसके सर पर हाथ रखता है और फिर वहां से चला जाता है ....उसे जाते हुए देख खुशी कहती है)

खुशी - जीजू आप सच मे बेस्ट है .....😍अवनी बहुत लकी है ...
( उसके बाद वो जाकर अपनी जगह पर बैठ जाती है.........


थोड़ी देर बाद सारी मम्मी लोग भी आ जाती है तो सपना जी कहती है )
सपना जी - ( खुशी से) अरे वाह आज फिर सबसे पहले आकर बैठ गई ...😜बहुत जल्दी है हल्दी लगाने की ...

( खुशी शर्माते हुए अपना चेहरा छुपा लेती है ...तभी अवनी आकर कहती है)
अवनी - ओह हो ...( श्वेता जी से ) आंटी जी ये खुशी शरमा  रही है ना 😂तो मेरी हंसी कंट्रोल नहीं हो रही...
खुशी - हां हां तू हस ले ...........ऋषभ जी की रानी

( अवनी हंसना रोक उसे घूरने लगती है.....पीछे ऋषभ आ रहा होता है ..खुशी की बात सुनकर वापस मुड़ जाता है ...उसे जाते हुए देखकर निहारिका जी कहती है )

निहारिका जी - ऋषभ ....ऋषभ सुनो 
( ऋषभ रुकता ही नहीं है सीधे घर में घुस जाता है .... निहारिका जी हंसते हुए कहती है )
निहारिका जी -( हंसते हुए ) लगता है ऋषभ ने....खुशी की बात सुन ली ....

( अवनी ...खुशी के पास बैठकर घूरते हुए  )
अवनी - चुहिया कुछ तो शर्म किया कर सबके सामने ये क्या बोल दिया ....
श्वेता जी - ऋषभ की रानी ........ अरे मेरा मतलब अवनी बेटा..एक कटोरी हल्दी और लाओ ..( हंसते हुए ) मुझे नहीं लगता एक से काम चलेगा ...
( अवनी शर्माते हुए वहां से चली जाती है तो पीछे सब मम्मी लोग हंसने लगती है ....... धीरे धीरे सब लोग आना शुरू हो जाते है )

संजना - 


रिया -


नैंसी -


परी 


सारी गर्ल्स आकर खुशी के पास बैठ जाती हैं और ब्वॉयज़ का इंतेज़ार करती है ....थोड़ी देर बाद ऋषभ आता है तो निहारिका जी कहती हैं ,
निहारिका जी - ( सपना जी से ) ये ऋषभ ने मास्क क्यों पहना हुआ  है....इस बार भी इन लोगो का  कोई प्लान है क्या ?
सपना जी - नहीं लगता .... मै सुबह से देख रही हूं कि ऋषभ ऐसे ही मास्क पहन कर घूम रहा....
निहारिका जी - अच्छा ....
( तभी दौड़ते हुए आनंद सबके सामने आकर रुक जाता है )


निहारिका जी - बेटा आराम से आया करो .....हमेशा घोड़े की चाल में भागते हो...
आनंद -( निहारिका जी के पास बैठ कर ) क्यों ....क्या पता मै लेट हो गया ..और मेरी दुल्हनिया कोई उड़ा ले गया तो ....मै जीवन भर कुंवारा रह जाऊंगा ...
( सब लोग उसकी बाते सुनकर हंसने लगते है )

निहारिका जी - ( कान पकड़कर) अब तो कुछ शर्म कर लो बेटा ...
( तभी देव,विहान,नील एक साथ आते है )


देव - आंटी जी ....जिसने किया शर्म .. फूटे उसके कर्म ...तो बच्चो कभी कभी बिना शर्म किय भी रहना चाहिए....
सपना जी - ये देखो ....ये आनंद बाबू कम थे ...अब एक और देव बाबू भी आ गए 😅.....
देव - अपुन का यही स्टाइल है बॉस...😎

( नील ....देव को घूरने लगता है तो वो चुप हो जाता है ....फिर आदि और विवेक भी आ जाते है )


आनंद - हटो रे ..बहुत मजाक हो गया ..अब जल्दी से हल्दी शुरू करिए ....

( वो जाकर खुशी के बगल मे बैठ जाता है और इशारों से ही बताता है कि आप मस्त लग रही है ......सारा पापा लोग भी अपना पीला धोती कुर्ता पहन कर आ जाते है ......फिर श्वेता जी आनंद और खुशी के माथे पर तिलक लगाती है और आनंद के गालो पर हल्दी लगाकर ....उसी हल्दी को खुशी के गालो पर लगा देती है तो आनंद कहता है )

आनंद - हा😮 मॉम ...ये क्या कर दिया आपने ?
श्वेता जी -( हड़बड़ा कर ) क्या ...क्या कर दिया मैंने ?
आनंद - ( मुस्कुराते हुए )यही की मेरी हल्दी  खुशी जी को लगा दी ....
( तभी उसके सर के पीछे कोई चट से मारता है तो वो मुड़कर कहता है )

आनंद - ( गुस्से में ) शुतुरमुर्ग....तूने मेरी बीवी के सामने मेरे सर पर मारा ...
विहान - अबे चिरकुट ..तुम इस तरह से लोगो को डराओगे तो ..यही हाल होगा ना ...
आनंद - बदला लेकर रहूंगा ....
विहान - उफ्फ ...ये नागिन जैसी हरकते क्यों कर रहा...

( सभी लोग हंसने लगते है .....आनंद ..खुशी की तरफ मुड़ता है तो वो भी हंस रही होती है ....आनंद कहता है)

आनंद -( रोने का नाटक करते हुए ) मम्मी नहीं लगवानी हल्दी मुझे .....
ऋषभ - ( उसका हाथ पकड़कर) ठीक है चलो फिर....
आनंद - ए ए ...मजाक करेला है अपुन....
ऋषभ - तो फिर अब शांति से हल्दी लगवाओ ....
आनंद -( मजाक में ) कौनसी शांति भैया .......अरे कहीं आपकी वो कॉलेज वाली गर्लफ्रेंड तो नहीं ......
खुशी -( आनंद का मुंह अपने दुपट्टे से बांधकर) कभी तो चुप रहा कीजिए ...जब देखो तो बक - बक .......

( बगल मे खड़ी अवनी तिरछी नजरों से ऋषभ को घूरने लगती है तो वो कहता है )

ऋषभ - क्या हुआ ?
अवनी -( मुस्कुराकर ) कुछ नहीं .....

(परी - विवेक ...मुस्कुराते हुए एक साथ दोनों को हल्दी लगाते है फिर  सारे मम्मी पापा लोग आनंद - खुशी को हल्दी लगाकर सोफे पर बैठ जाते है .......अब बारी अवनी की होती है तो वो मुस्कुराते हुए अपने हाथो मे हल्दी लेती है तो आनंद कहता है,

आनंद - थैंक्यू सो मच भाभी .....मेरी भाभी बनने के लिए ....वरना ( खुशी की तरफ देखकर ) ये चुड़ैल कैसे मिलती 😜....

( खुशी उसे घूरने लगती है तो अवनी कहती है )

अवनी - बस बस ...मेरी देवरानी को इतना मत परेशान किया करिए .....
खुशी - सही कहा ...ऋषभ की रानी ही ही 
अवनी - तू अब मेरे हाथो से नहीं बचने वाली चुड़ैल ...

( वो हल्दी आनंद को लगाने के बजाए खुशी के पूरे फेस पर पोत देती है .....और फिर आनंद के गाल पर थोड़ा सा लगा देती है तो वो कहता है)

आनंद - देखा ... ये होती है भाभी ...😂
( तभी अवनी आनंद के फेस पर भी हल्दी पोतने लगती है की पीछे से कोई उसके फेस पर हल्दी पोत देता है ...वो हड़बड़ा जाती है और मुड़कर देखती है कि ऋषभ खड़ा है अपना हाथ पीछे करके ....अवनी मन में कहती  हैं - ओह तो ये आपका काम है ...अब नहीं बचने वाले .....फिर वो जाकर ऋषभ के सामने खड़ी हो जाती है और जल्दी से उसका मास्क निकालकर उसके पूरे फेस पर  हल्दी लगाकर कहती है ,
अवनी - ( हंसते है )  जैसे को तैसा ऋषभ जी 

....

( ऋषभ ...अपने फेस पर हल्दी छूकर ...आदि को देखने लगता है तो वो थोड़ा खिसककर रिया के पीछे छिप जाता है .....ऋषभ भी फिर मुस्कुराते हुए अपने हाथ में हल्दी लेता है और ...आदि को दौड़ा देता है...दोनों पूरे गार्डन मे भागते है और फाइनली ऋषभ ....आदि को धक्का मारकर नीचे गिरा देता है और ( हंसते हुए ) उसने पूरे फेस - बालो पर हल्दी पोत देता है तो  आदि कहता है ,)

आदि - ( हंसते हुए ) साले ...तूने अपने ही साले को नहीं  छोड़ा.....
ऋषभ - हाहाह...

इधर ...

आनंद - खुशी एक दूसरे को देखने ने खोए होते है और कहते है ,
आनंद - मरेको लग ही नहीं रहा मेरी हल्दी है ....
खुशी - मुझे तो लग रहा है ...
आनंद - ये सब अपने अपने मे ही....

( आनंद की बात भी पूरी नहीं हो पाई होती है कि आदि ,विहान ,देव हल्दी के पानी से भरा हुआ टब उसके ऊपर  उढेल देते है वो सकपका जाता है तो खुशी कहती है )
खुशी  - ( हंसते हुए ) थैंक्स गॉड ..मै ...

( तभी उसके ऊपर भी हल्दी का पानी नैंसी ,रिया और संजना गिरा देती है तो वो कहती है )

खुशी - धोखेबाज लोग....बता कर तो करते .....
नैंसी - ( पीछे से ही ) जीजू को किस तुम हमसे पूछकर करती हो क्या ....
खुशी - नैंसी की बच्ची ...अब तुम नहीं बचने वाली .....

( खुशी वहीं नैंसी को पकड़कर हल्दी पोत देती है तो संजाना वहां से भागने लगती है कर खुशी उसे भी दबोच लेती है उसके ऊपर हल्दी का पानी गिराकर कहती है )
खुशी - अरे ....ननद जी मेरे हाथो से कहां बच कर जाएंगी 
संजना -( हंसते हुए ) नहला लीजिए भाभी ....मुझे मजा आ रहा अब...
( देव पीछे से ) 
देव - चमगादड़ को पकड़कर रखीए दीदी ...कहीं उड़ ना जाए ...
संजना - अब तो मै तुम्हे उड़ाऊंगी .....
( संजना ...देव को पकड़कर वहीं हल्दी लगाकर मारने लगती है तो वो कहता है )
देव - अरे कोई बचाओ रे इस चमगादड़ से 😂....

( देव ....नील को आवाज देता है पर नील उसकी आवाज को अनसुना करके सोफे पर जाकर बैठ जाता है तो पीछे से सारी मॉम लोग उसे जल्दी से हल्दी पोत देती है और जब वो भागने लगता है तो उसे पकड़कर हल्दी वाले टब मे बिठाकर उसके ऊपर हंसते हुए 😂हल्दी का पानी गिराना शुरू कर देती है तो देव कहता है ,
देव - बहुत सही किया आंटी जी लोग ....ये इसी लायक है  नालायक कही का...

इधर अवनी जाकर खुशी के पास सर पकड़कर बैठ जाती है तो आनंद हंसते हुए कहता है ,
आनंद - क्या हुआ भाभी ....
अवनी - कुछ नहीं ...अभी पता नहीं क्यों नींद आ रही बहुत ....
आनंद - भाभी आप ठीक तो है ..?
( तभी पीछे से ऋषभ आकर अवनी के गालों पर हल्दी लगा देता है और फिर एक बाल्टी हल्दी का पानी भी ....आनंद हंसते हुए कहता है )
आनंद - भाभी ...अब आप की नींद  उड़ गई होगी ....
ऋषभ - भाई नींद तो अब तुम्हारी उड़ेगी ......

( ऋषभ फिर आनंद की आंखो पर पट्टी बांध देता है ...इधर गर्ल्स भी खुशी के .....ऋषभ फिर आनंद का हाथ पकड़कर  ले जाने लगता है तो वो कहता है )
आनंद - भाई ...भाई हम कहा जा रहे है ?
ऋषभ - तुम्हे छत से फेंकने जा रहा हूं ....
आनंद -( हंसते हुए ) इस लाइफ में तो आप अपने भाई के साथ ऐसा कर ही नहीं सकते ....
ऋषभ - तो
आनंद - तो अगली ज़िन्दगी में सोचेंगे .... 😅.

( गर्ल्स फिर खुशी को स्विमिंग पुल के पास लाकर खड़ी कर देती है ...उधर ब्वॉयज़ भी आनंद को ...... दोनों लोग एक ही साथ उनकी पट्टी खोलकर कहते है - सरप्राइज़ .....
फिर धक्का मार देते है ...😆..दोनों हड़बड़ा जाते है तभी खुशी कहती है ,
खुशी - अरे आनंद जी मुझे तैरने नहीं आता बचाओ.....
( आनंद तैरकर खुशी को अपनी बाहों में भर लेता है ......तभी दोनों साइड से अवनी और ऋषभ को धक्का मारकर पुल मे गिरा  देते हैं....और सब हंसने लगते है तो ...पीछे से सभी मम्मी - पापा सबको धक्का मारकर पुल मे गिरा देते हैं...और वहां से चले जाते है ......आनंद कहता है,
आनंद - भाई ये किसका प्लान था ...

( कोई कुछ नहीं बोलता है तो वो कहता है )

आनंद - ठीक है ...मत बोलो ... मै इसका क्रेडिट ले रह हूं .....( थोड़ा रुक कर ) भाभी ....ऋषभ भाई को जल्दी पकड़िए ...उन्हे तैरने नहीं आता ...

( ऋषभ ...आनंद को देखने लगता है  तभी  अवनी उसके कमर में हाथ लगाकर पकड़  लेती है ........सब एक दूसरे के ऊपर पानी फेंकने लगते है कि आदि कहता है , )
आदि - एक मिनट ..ये ऋषभ के फेस पर लाल लाल क्या है ?
आनंद - पागल लव बाइट है ...

( ऋषभ ....दूसरी साइड फेस कर लेता है...अवनी पुल से निकलकर शर्माते हुए भागकर घर मे घुस जाती है की तभी खुशी ...आनंद को मारकर कहती हैं,
खुशी - आप मे तो सच मे कोई शर्म नहीं है ...ऐसे सबके सामने कौन बोलता है ....
आनंद - ( हैरानी से ) आदि ने पूछा था ....

( सारे ब्वॉयज़ मिलकर उसे पूल मे मारने लगते है वो चिल्लाते हुए कहता है ...अरे कोई तो बचाओ मुझे 😂....सब छोड़ देते है तो ऋषभ उसे पकड़ लेता है और कहता है ....)
ऋषभ - भाई हो या दुश्मन ...( अपनी मेंहदी दिखाते हुए) ये मेंहदी है...
आनंद -( हंसते हुए ) मतलब रात में भाभी से चाटा मिला है ..... हाहा...

( इस बार सब लोग मिलकर हंसने लगते है ..और हंसी हंसी में ही संजना कहती है ...)
संजना - 😂..पहले लाते मिलती थीं...अब चाटे ...
ऋषभ -( पुल से निकलकर )एक से बढ़कर एक नमूने है मेरे घर पर ...

( सब हंसने लगते है ...ऋषभ फिर घर के अंदर चला जाता है तो देखता है कि अवनी सो रही है ....उसे देखकर कहता है )

ऋषभ - आजकल कुछ ज़्यादा नहीं सो रही है ये ....
.
( फिर वो उसे कंबल से ढक कर ...खुद फ्रेश होने चला जाता है.....थोड़ी देर बाद बाहर आता है तो देखता है कि विहान बैठा हुआ है,)

ऋषभ - क्या हुआ ?
( विहान ..कुछ नहीं कहता है )
ऋषभ -( उसके पास बैठकर ) कोई बात है क्या ?
विहान - भाई ..वो डील जो हमें मिली थी ..उसकी फाइल कंपनी में नहीं है...आई एम सॉरी भाई...मुझे लगता है मेरे हाथों से गूम हो गई ....
ऋषभ -( मुस्कराते हुए ) अरे ..फाइल यही घर पर है ....लॉकर में रखा है ..
विहान - ( बड़ी सी सांस लेकर )ओह भाई... मै तो सच मे डर गया था ....

( तभी ऋषभ को दरवाजे के पास कोई खड़ा नजर आता है तो वो कहता है )
ऋषभ - कौन है ??
( लिली .... धीरे धीर अंदर आती है और पानी से भरा जग टेबल पर रखकर चली जाती है.......उसे जाते देख विहान कहता है )
विहान  - भाई ये लिली आपको कहा मिली ??
ऋषभ - रितेश की बहन है ( कुक )
विहान - ठीक है भाई ...... मै जाता हूं

( विहान फिर चला जाता है ..ऋषभ दरवाजा बन्द करके अवनी के माथे पर किस करता है और अपने काम में लग जाता है ......नीचे सब लोग फ्रेश होकर खाना खाते है और शादी की तैयारी में जुट जाते है ......सभी चीजों को एक साथ रख देते है ताकि सुबह भागदौड़ ना करना पड़े .......नैंसी , खुशी , श्वेता, श्रवण जी ..घर के लिए निकल जाते है.......सब लोग फिर रात में डिनर करते है और सोने चले जाते है ..परी - विवेक ..आदि रिया के साथ उनके कमरे में सोते है , इधर....आनंद को पूरी रात नींद नहीं आती है... वो रात में कई बार उठकर टाइम चेक करता है ...तो विहान कहता है )

विहान - भाई क्यों मुझे परेशान कर रहा है ....

आनंद - मुझे नींद नहीं आ रही तो क्या करू .......
विहान  - खुशी को यही बुला देता हूं . ........एक तो मेरे से छोटा है फिर भी शादी तेरी हो रही ...
आनंद - देखो रे  कोई जल गया...😁

( तभी उनके दरवाजे पर कोई तेज तेज से नॉक करता है तो वो दोनो एक दूसरे को पकड़ कर बैठ जाते हैं)



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पार्ट कैसा लगा टाइम हो तो समीक्षा जरूर करिए गा 😊ये कहानी दुसरी जगह पर  2मिलियन रीडर्स पूरी कर 

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5 Comments

Archita vndna

24-Apr-2022 09:24 PM

Very good story

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Sandhya Prakash

28-Mar-2022 02:29 AM

कहानी बहुत अच्छी जा रही है आपकी। पढ़ कर अच्छा लग रहा है। आनंद और खुशी कहानी की जान बनते जा रहे हैं।

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काफी अच्छी कहानी लिखी है आपने पढ़ कर अच्छा लगा। अच्छा लिखती हैं आप।

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